साथी


डॉ देव अपनी डॉ पत्नी सृष्टि के साथ ऑफिस से घर लौट रहे थे... सृष्टि डिनर मे क्या बनाओगे... थक गई हूं यार अभी तो मार्केट मे ही है... पैक करा लो ना.. कौन अब घर जाकर किचन मे 4 घंटे टाइम देगा ??? क्या सृष्टि तुम भी ना..... दोनों पति पत्नी एक ही अस्पताल मे साथ जॉब करते थे। चिकत्सा से दोनों के जुड़े होने के कारण दिनचर्या बहुत ब्यस्त रहता था ऐसे मे अक्सर या यु कहें तो ज्यादा टाइम ऑनलाइन खाना ही होता... ओर बाकि बचे खुचे दिन अस्पताल मे या दोस्तों के तरफ से पार्टी... एक बड़े से होटल के साइड मे डॉ देव कार पार्क करके होटल मे चले गए.. इधर सृष्टि अपनी फ़्रेंड से बात करने लगी.. थोड़ी देर मे डॉ देव हाथों मे खाने का पार्सल लिये आये... सृष्टि कार का दरवाजा खोलते ही बोली कुछ दिन की और वात है डिअर फिर प्रोब्लेम सोल्व हो जाएगी...। और फिर दोनों अपने घर की तरफ निकल गए... ट्रिन ट्रिन ट्रिन.... कई बार कॉल बेल बजने के बाद डॉ देव के पिता दरवाजा खोले... अरे तुमलोग को कितना बार बोले है की घर पहुंचने से पहले कॉल कर दीया करो.... तुमलोग को इंतज़ार नहीं करना होगा... देव और सृष्टि दरवाजा देर से खुलने पर कुछ बोलते उसके पहले ही दोनों को एक अच्छी ज्ञान दे दिए देव के पिता ने...। और ये बात दोनों भली तरीके से समझ भी गए.... तीनो लोग साथ डिनर किये और फिर सोने के लिये अपने अपने कमरे मे चले गए.... अगली सुबह की फिर वही कहानी... देव और सृष्टि के लिये बेड टी बनाकर देव के पिता ने सर्व किये... ओह्ह्ह पापा आप रहने देते सृष्टि होने खुले बालो का जुडा बनाते हुए बोली.... तभी देव भी वाशरूम से निकला ओर बोला... ओह्ह्ह पापा आई लव यू... यस रियली पापा... थैंक्यू सृष्टि ने भी चाय का कप पकड़ते हुए बोली.... कितने बजे तक निकलोगे तुम लोग.... बस फ्रेश होना है और निकले..... ओके मे तुमलोग का नाश्ता बना देता हु और आरुश भी सो रहा... है उसका भी दूध रेडी कर देता हु पीला देना क्योंकि मुझसे तो नखडे हजार करेंगे..... कहते हुए देव के पिता कमरे से चले गए.... सृष्टि इस ज़माने मे ऐसे डैड मिलना मुश्किल है.... रियली देव सृष्टि ने अपने पति देव की बातो को सही मानते हुए बोली...। अच्छा अब मे फ्रेश होता हु तुम भी जल्दी रेडी हो जाओ.... हाँ बस मुझे एक जरुरी कॉल है वो कर लेती हु... दोनों जल्दी से काम निबटा कर ऑफिस के लियें निकल पड़े... अरे सृष्टि तुम किसी काम वाली के बारे मे बात कर रही थी ?? हां देव वो पापा से इस तरह काम करना ठीक नहीं लगता.. अब चाय नाश्ता देते है पर उनसे ये सब इस उम्र मे करना ठीक नहीं... क्यों तुम्हे क्या लगता है मेरे डैड बूढ़े हो गए है... वो तो अभी जवान है.... वो तो बस आरुष की देखभाल हो इसलिए होने जॉब से छुट्टी ले लिये.. हाँ हाँ अभी तुम्हारे डैड जवान है तो क्यों ना उनकी शादी करा दो... सृष्टि मज़ाक के लहजे मे देव को छेड़ते हुए बोली... देव भी बोल बैठा जिस दिन मिल जाएगी उस दिन ही हो जाएगी..... देव की माँ देव के बचपन मे ही गुजर गसी थी सारा लालन पालन देव का देव के पिता ही किये थे... दोनों अस्पताल पहुँचे और होने अपने बिभाग मे पहुंच गए.. और अपने कामों मे शिद्दत से लग गए... शाम को फिर दोनों साथ लौटे तो होटल से खाना पार्सल करा लिये.... पर आज सृष्टि की बात अपने ससुर से हुई तो आज उसे कॉल बेल बजाने की जरुरत नहीं हुई.... कार सीधे पार्किंग मे पार्क हुई... सभी लोग रोज की तरह खाना खाये और सोने गए... देव कल मेरी ऑफ है इसलिए मुझे सोने देना डिस्टर्ब नहीं करना.. ओके डिअर पर अभी तो डिस्टर्ब करूँगा ही कहते हुए देव ने सृष्टि को बाहो मे भरकर प्यार करने लगा.. शुबह 10 बजे सृष्टि की आंख खुली तो धुप काफ़ी चढ़ चूका था... देव भी ऑफिस मे था.. पर किचन से अच्छी खाने की खुशबू आ रही थी... वो नाईट ड्रेस मे ही किचन के तड़फ गई.... अच्छा तो डैड आज करी बनाये है.... हां तुम्हे पसंद है ना.... हां डैड बहुत.... वो भी आपके हाथ का... सृष्टि फ्रेश होकर आरुष को प्यार कर रही थी तभी कॉल आई.. कुछ देर तो बाते होती रही फिर सृष्टि ने होने घर का एड्रेस भेज दी..... दोपहर के 3 बज रहे थे तभी कोई दरवाजे पर आई.... सृष्टिकदिनों बाद घर मे थि सो अपने फ्री टाइम को एन्जॉय कर रही थी.... बहु देखो कोई आई है तुम्हे खोज रही है.... कहते हुए वो होने कमरे मे चले गए.... मैडम मुझे नीरा मैम ने भेजी है.... सृष्टि ऊपर से नीचे देखी....30 32 साल की एक लड़की मैले कुचैले कपडे मे हाथ मे एक बैग लिये खड़ी थी... कम वाली बाई की जरुरत थी आपको.... ओह्ह्ह्ह हां हां तुम अंदर आओ... गेस्ट रूम मे सृष्टि बैठने को बोलकर पानी लाने गई... ये लो पानी पीओ ओर क्या नाम है तुम्हारा ??? जी सीमा नाम है... सी.... मा... कहाँ से हो....??? सृष्टि ने थोड़ी दिमाग़ पर जोर देकर पूछी... सीमा अपना परिचय दी... तो सृष्टि समझ गई थी ये वही सीमा है लेकिन फिर भी अपनी यादो को पुख्ता करने के लिये पूछी.... सृष्टि को जानती हो कभी किसी टाइम....??? हां मैम.. वो कॉलेज मे साथ पढ़ी थी फिर... वो डॉ बन गई और अच्छे घर मे शादी हो गई..... तुम्हारी शादी हो गई है..... सृष्टि ने सवाल की हा मैम हुई थी पर पति शराबी मिला तो एक बार नशे मे एक्सीडेंट हुई ओर.... ओह्ह्ह्ह सो सॉरी..... सृष्टि ने दुःख जताई... और बच्चे.... नहीं है मैम.... बस घर का काम काज चूल्हा चौका करके पेट पालती हु.... अगर अच्छा घर मिले तो शादी करोगी घर बसाओगी.. मे समझी नहीं मैम.... सीमा ने... सवाल की मतलब ये की वो सृष्टि मे ही हु और तुम मुझे पहचानी नहीं..?? नहीं मैम मै पहचानी बाहर आपके दरवाजे पर नाम प्लेट देखकर ही समझ गई थी.... ओह्ह्ह अच्छा.... सृष्टि के मन मे लगाकी कही ये कोई और सीमा तो नहीं जिसे मे अपनी कॉलेज फ़्रेंड समझ रही हूं.... अगर ये कोई और हूई तो कल को घर परिवार को लूट लेगी... अच्छा कुछ पर्सनल ओर डीपली बाते पूछती हूं क्योंकि मे अपनी फ़्रेंड को ही पर्सनल बाते बताती थी.... क्या हुआ मैम...?? सीमा ने सृष्टि को टोकी... नहीं वो ये पूछना था की तुम मेरे कॉलेज के बॉय फ़्रेंड को तो जानती ही होंगी.... हां मैम... सबसे क्लोज कौन था.???? सीमाअपनी औकातदेखकर सकुचाई थोड़ी और इधर उधर देखते हुए धीरे से बोली.... मैम वो मयंक था अपका सबसे क्लोज फ़्रेंड.... आप कई बार मेरे घर भी आई थी उसे लेकर... सृष्टि स्योर हो गई की ये वही है.. देखो सीमा तुम ये सब बात किसी से नहीं बोलना यहाँ... नही मैम... ओर हां तुम मैम नहीं दीदी बोला करो.... कहते हुए सृष्टि ने सीमा को गले लगा लिया... आज दो पुराने साथी फिर से मिल गए थे.... आज कोई प्रोफेशन नहीं था पहचान नहीं थी.....
                  भाग एक समाप्त  
                 आगे पढ़े क्या हुआ............... क्रमशः 

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